वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />९ मार्च २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा<br /><br />अष्टावक्र गीता (अध्याय १७, श्लोक १९)<br />निर्ममो निरहंकारो न किंचिदिति निश्चितः।<br />अन्तर्गलितसर्वाशः कुर्वन्नपि करोति न॥<br /><br />प्रसंग:<br />जीवन में बेचैनी क्यों रहती है?<br />बेचैनी का सही इलाज क्या है?<br />इच्छाएं कैसे खत्म करूं?